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तांत्रिक क्रियाओं से बचने के उपाय

- काली किताब
तांत्रिक क्रियाओं से बचने के उपाय
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तांत्रिक क्रियाओं से बचने के उपाय

तांत्रिक क्रियाओं से बचने के उपाय, तंत्र-मंत्र और जादू-टोना किसी व्यक्ति को सकारात्मक और नकारात्मक, दोनों तरह की ऊर्जा से प्रभावित कर सकता है। कोई प्रत्यक्ष तौर पर, तो कोई अप्रत्यक्ष रूप से इसकी चपेट में आ जाता है।

हालांकि तंत्र-साधना में तांत्रिक क्रियाओं का उपयोग हमेशा ही भलाई के लिए करने के निर्देश दिए गए हैं, फिर भी कुछ लोग स्वार्थ भाव से इनका उपयोग सिर्फ  व्यक्तिगत लाभ के लिए कर लेते हैं। इस तरह के अज्ञात और आध्यात्मिक प्रभाव को तांत्रिक क्रियाओं से ही खत्म किया जा सकता है। इनके उपाय करने से इसके लक्षणों को जानना जरूरी होता है।

कैसे पता करें तांत्रिक प्रभाव?

तांत्रिक या जादू-टोने के प्रभाव के कारणों एवं उसके स्तर के बारे में पता लगाने के लिए व्यकित के बात-व्यवहार, बाॅडी लैंग्वेज, रंगढंग और हाल के दिनों में आचरण मंे आए बदलावों की जांच-पड़ताल की जाती है। उसकी जन्म कुंडली में विद्यमान ग्रहों की स्थिति का विश्लेषण किया जाता है।

तांत्रिक क्रियाओं से बचने के उपाय

तांत्रिक क्रियाओं से बचने के उपाय

यानी जिस किसी व्यक्ति के जीवन में उथल-पुथल मच जाए तो समझ लें वह जादू-टोना के प्रभाव में आ चुका है। कभी-कभी ऐसे दोष के कारण उनमें अजीबो-गरीब हरकतें होने लगती है और दौरे भी शुरू हो जाते हैं। वह अनिर्णय की स्थिति में आकर विचलित जैसे मनोविकार के लक्षण दर्शा सकता है। उस बारे में निम्नलिखित लक्षनों पर आकलन किया जाता है।

क्या हो उपचारः

कहते हैं न लोहा ही लोहे को काटता है। इस दृष्टिकोण से तांत्रिक क्रियाओं को बेअसर करने के लिए तांत्रिक सधना और टोना-टोटका ही बेहतर उपचार हो सकता है। यदि आप स्वयं या फिर कोई सगा-संबंधी इसकी चपेट में आ चुका है तो निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं। इनमें कुछ उपाय स्वयं किए जा सकते हैं, जबकि कुछ के लिए तांत्रिक या आध्यात्मिक गुरु की मदद ली जा सकती है। देवी-देवताओं की आराधना और पूजा-पाठ से तांक्रियों को बेअसर किया जा सकता है।

खुद करें उपायः घर में उपलब्ध वस्तुओं में गाय का घी, पीली सरसों, कपूर, जावित्री के चूर्ण और केसर को गुग्गल में मिश्रित कर लें। सूर्यास्त के समय गाय के गोबर के उपले जलाएं। उनपर मिश्रित वस्तुओं का धूप दें। इसे घर के कोने-कोने में फैलने दें। इस कार्य को लगातार निश्चित समय पर  21 दिनों तक करें।

स्वयं किए जाने वाले उपायों में एक टोटका गोमती चक्र के साथ करें। शुक्ल पक्ष में बुधवार के दिन उसे पीड़ित व्यक्ति के ऊपर सात बार उतार कर चारो दिशाओं में फेंक दें। या फिर तगर और गोरेचन को नए लाल कपड़े में बांधकर घर के पूजास्थल पर रख दें। घर में नियमित रूप से गौमूत्र छिड़कने से भी तंत्रिक प्रभाव के खत्म किया जा सकता है। कुछ सरल उपाय इस तरह के आपनाए जा सकते हैंः-

आहूतियों के उपायः सवा सौ यानी 125 ग्राम सफेद यानी पीली सरसो, सवा किलोग्राम गेंहूं, सवा किलोग्राम चावल, कुश, तीन मुट्ठी जौ, एक मुट्ठी तिल, तीन मुट्ठी मूंग, पांच मुट्ठी चना अनाजों में शमी और आम के पत्ते मिलाएं। इनमें दुर्वा, आक, अशोक व धतूरे की जड़ के साथ गोमूत्र, घी, शहद और दूध मिलाकर विशेष तरह का हवन सामग्री तैयार कर लें।

शाम के समय सूर्यास्त के बाद घर के खुले स्थान पर हवन कुंड रखें या फिर इंटों से बना लें। पीड़ित व्यक्ति को साथ में बिठाएं और नीचे दिए गए मंत्र का उच्चारण के साथ 108 बार जाप करते हुए हवन सामग्री की आहूतियां दें। जाप का मंत्र इस प्रकार हैः-

भवे भस्कराय आस्माक अमुक सर्व ग्रहणं पीड़ा नाशनं कुरू कुरू स्वाहा!! 

नारियल से उपायः एक नरियल को शनिवार के दिन प्रातः स्नान के बाद पूजा-पाठ के दौरान काले कपड़े में लपेट लें। गायत्री मंत्र का 21 जाप करें। नारियल को नदी के बहते पानी में प्रवाहित कर दें। उस समय ओम रामदूताय नमंः मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी किया जा सकता है।

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